देहरादून: राजकीय शिक्षक संघ द्वारा चलाया जा रहा शैक्षिक सत्याग्रह आंदोलन अब उग्र होने के आसार बढ़ गए हैं। शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामसिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्यूली ने आज निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी को एक ज्ञापन प्रेषित कर चेतावनी दी है कि यदि किसी भी शिक्षक का नवंबर माह का वेतन आंदोलन के कारण रोका गया या किसी भी शिक्षक का आंदोलन के कारण उत्पीड़न किया गया तो शिक्षक संघ पूर्ण बहिष्कार का फैसला लेने को मजबूर होगा।
संगठन के प्रांतीय नेता पूर्व मंडलीय मंत्री नवेंदु मठपाल के अनुसार संगठन 17 नवम्बर से शैक्षिक सत्याग्रह पर हैं, जिसके तहत विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाचार्य का कार्यभार देख रहे शिक्षकों ने प्रभार छोड़ दिया है। साथ ही सभी राजकीय शिक्षकों ने ऐलान कर दिया है कि वे शिक्षण के अतिरिक्त अब कोई कार्य नहीं करेंगे।प्रभारी प्रधानाचार्यों ने खंड शिक्षा अधिकारी को इस्तीफा सौंप दिया है।
निदेशक को भेजे गए पत्र में शिक्षकों की समस्याओं का अभी तक निस्तारण न होने पर भी रोष व्यक्त किया गया है।पत्र में आरोप लगाया गया है कि कतिपय खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों के वेतन आहरण में जानबूझकर अडंगा लगा रहे हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि वेतन रोकने वाले या किसी भी शिक्षक का उत्पीड़न करने वाले अधिकारी के खिलाफ संगठन अपने स्तर से कार्यवाही करेगा।संगठन 35 सूत्रीय मांगपत्र को लेकर आंदोलन में हैं।
संगठन की मांग है कि इन मांगों को लेकर शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत के साथ तीन माह पूर्व हुए समझौते को लागू किया जाय। शिक्षक संघ इससे पूर्व देहरादून में रैली के साथ साथ जनपद स्तर व मंडल स्तर पर धरना प्रदर्शन कर चुका है।निदेशालय में पूर्व में तालाबंदी भी की जा चुकी है।