ट्रस्ट पर कब्जा करने वाले कथित लोगों के मंसूबे पर पार्षद आकाश भाटी ने फेरा पानी, इसलिए कर रहे बदनाम: प्रेमानंद महाराज, गीता बेन को भ्रमित कर आजीवन अध्यक्ष बनी सरोजनी गिरी का नहीं है ट्रस्ट से कोई संबंध

हरिद्वार। जलाराम सदावृत मंदिर ट्रस्ट मामले में पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखते हुए कथित तौर पर आजीवन अध्यक्ष बनी सरोजनी गिरी द्वारा लगाए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि ट्रस्टियों का साथ देने वालों को बदनाम कर उन्हें दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। जो कथित तौर पर अपने को महामंडलेश्वर बताती हैं, उनका जलाराम मंदिर ट्रस्ट से कोई वास्ता नहीं है, वह कुषडयंत्र रचकर ट्रस्ट की बेशकिमती भूमि को हड़पना चाहती है। लेकिन महासचिव के साथ वे ट्रस्ट को कब्जाने नहीं देंगे।
बृहस्पतिवार को प्रेसक्लब में पत्रकारवार्ता करते हुए जलाराम सदावृत मंदिर ट्रस्ट गायत्री विहार भूपतवाला हरिद्वार के महासचिव स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बताया कि हमारे शिष्य पार्षद आकाश भाटी ने ट्रस्ट में षड़यंत्र रचकर कुछ कथित महिला संतों के घुसने की बात बताई, अपने स्तर पर जांच कराई तो पता चला कि अपने को साध्वी बता रही सरोजनी गिरी ने अपने को आजीवन अध्यक्ष घोषित कराया हुआ है। सरोजनी गिरी के साथ कई भू माफिया लगे हुए हैं, जोकि ट्रस्ट की बेश कीमती भूमि पर होटल या फ्लैट बनाकर बेचना चाहते हैं। लेकिन ऐसे भू माफियाओं के मंसूबे को नाकाम कराने के लिए पार्षद आकाश भाटी ने हमारा साथ दिया है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के नियमों के विरुद्ध जाकर तत्कालीन अध्यक्ष गीता बेन ने जो ट्रस्ट को सरोजनी गिरी को सुपुर्द करने का कुकृत्य किया है, इसके लिए उन्हें ट्रस्ट से निकाल दिया है। गीता बेन का अब ट्रस्ट से कोई संबंध नहीं रह गया है।
ट्रस्टी ललित पुरी, कोषाध्यक्ष विनोद चंद रवि शंकर जोशी ने बताया कि आरोपी ट्रस्ट को खुर्द बुर्द होने से बचाने वाले आकाश भाटी को बदनाम कर उन्हें दूर करना चाहते हैं, लेकिन वे उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। खाटू श्याम आश्रम के प्रमानंद महाराज ने बताया कि सरोजनी गिरी पहले खाटू श्याम आश्रम को कब्जा कराने की कोशिश की, साथ ही श्यामपुर में भी ट्रस्ट बनाया हुआ है, वहां पर भी एक आश्रम को कब्जाने की कोशिश की। केके अग्रवाल ने भी सरोजनी गिरी पर उनकी संपत्ति कब्जाने के आरोप लगाया, जिसका की ट्रस्ट बदल लिया गया है।
महासचिव ने कथित साध्वी के कारनामों को किया ये खुलासा
ट्रस्ट का संचालन कर रहे महासचिव स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बताया कि ट्रस्ट की अध्यक्ष गीता बेन ने सरोजनी गिरी के साथ मिलकर संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए षड़यंत्र रचा है। इसके लिए गीता बेन ने नियम विरुद्ध जाकर सरोजनी गिरी को आजीवन अध्यक्ष बना दिया, जबकि ट्रस्ट में आजीवन अध्यक्ष का कोई प्रावधान नहीं है। एक अन्य ट्रस्ट बनाकर गंगा विहार में एक संपत्ति को कब्जाने की भी कोशिश जारी है। वह अपने को एक अखाड़े की महामंडलेश्वर भी बताती है, लेकिन अखाड़े से इनका कोई संबंदृध नहीं है।

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