ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन आज इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टोरल सत्र का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। जिसमें उन्होंने कहा कि सिलक्यारा जैसा सफलतम रेस्क्यू ऑपेरशन का उदाहरण दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता है।
इन्वेस्टर समिट में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड से मेरा पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल वाजपेयी के कार्यकाल में तीन राज्यों का निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया कि ये राज्य भी विकास में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक भारत का सबसे स्वर्णिम युग कोई है तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री हैं, उनके मार्ग-दर्शन में केदारनाथ में जो जीर्णोद्धार कार्य हुए वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री ही करा सकता है। जब केदारनाथ में आपदा आई तो मोदी यहां सबसे पहले पहुंचे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था ये दशक उत्तराखंड का होगा और आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए ये चरितार्थ हो रहा है।
पिछले दिनों कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी की हमारे 41 श्रमिक भाई सिलक्यारा में सुरंग में फंस गए। लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्र ने जिस तरह से यहां दिन-रात काम कर सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला ऐसा उदाहरण दुनिया में और कहीं नहीं मिलता है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वान किया कि वे यहां आएं और निवेश करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्र सरकार का पूरा ध्यान केंद्रित है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि जो आत्मविश्वास हमारे प्रधानमंत्री में है वो और किसी में नहीं है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी ये दर्शाते हैं कि देश में मोदी का विकल्प कोई नहीं है।
आज ग्रामीण कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। 2014 से अब तक 103 लाख ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। आयुष्मान योजना से करोड़ो लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने 17 प्रोडक्ट लिंक इनीशेटीव स्कीम प्रारंभ की है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां लाई हैं। उन्होंने उद्यमियों से इन नीतियों का लाभ उत्तराखंड में उठाने की अपील की।